गिरिराज के परिवार के अनुसार, उसे चार दिन पहले तेज बुखार हुआ था, जिसके बाद अस्पताल में डेंगू की पुष्टि हुई। शुरुआत में उसका इलाज किया गया और उसकी तबीयत में सुधार देखा गया, जिससे रविवार को उसे घर ले जाया गया। लेकिन सोमवार सुबह अचानक उसकी स्थिति फिर से बिगड़ गई।
परिजन उसे तुरंत थानागाजी अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उसे गंभीर हालत में अलवर जिला अस्पताल रेफर कर दिया। हालांकि, अलवर पहुंचने से पहले ही रास्ते में गिरिराज ने दम तोड़ दिया।
गिरिराज के चचेरे भाई बाबूलाल योगी ने बताया कि उसके पिता किसान हैं और परिवार में वह इकलौता बेटा था। इस घटना से परिवार में गहरा दुख है। अलवर में डेंगू के बढ़ते मामलों ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है।