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उत्तराखंड: पुलिस को मिलेगा अपना डाटा सेंटर, डार्क वेब के रहस्य सुलझाने की ट्रेनिंग

देहरादून। पुलिस जल्द ही अपना डाटा सेंटर बनाने जा रही है, जिससे उसे अपने डाटा को सुरक्षित रखने के लिए किसी बाहरी एजेंसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इस डाटा सेंटर की सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस साइबर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में पुलिस को डार्क वेब के रहस्य सुलझाने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। साथ ही, पुलिस का रिसर्च एंड डवलपमेंट (आरएंडडी) विंग भी इसी सेंटर में होगा।

30 करोड़ रुपये से अधिक का बजट
इस सेंटर पर 30 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी, जिसमें से सात करोड़ रुपये के उपकरण खरीदे जाएंगे। इन उपकरणों में डाटा सेंटर, फोरेंसिक लैब और ट्रेनिंग लैब के लिए जरूरी महंगे उपकरण शामिल होंगे। साइबर एक्सपर्ट और पुलिस अधिकारी इन लैब्स को खुद संभालेंगे, जिससे कोई सेंध न लग सके।

प्रमुख विभाग
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के अंतर्गत चार प्रमुख विभाग होंगे:

  1. साइबर फोरेंसिक लैब: पुलिस खुद साइबर और कंप्यूटर फोरेंसिक जांच कर सकेगी।
  2. एडवांस साइबर ट्रेनिंग लैब: पुलिसकर्मियों को साइबर अपराध की जांच की ट्रेनिंग दी जाएगी।
  3. डाटा सेंटर: पुलिस अपनी वेबसाइट और एप्लिकेशन का डाटा इसी सेंटर में स्टोर करेगी।
  4. रिसर्च एंड डवलपमेंट विंग: भविष्य की साइबर चुनौतियों से निपटने के लिए नए टूल्स विकसित किए जाएंगे।

प्रमुख कार्य

यह केंद्र पुलिस के लिए साइबर सुरक्षा और अपराध से निपटने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

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