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CG मेडिकल हॉस्टल: 150 से ज्यादा छात्रों को हॉस्टल की जरूरत, कॉलेज प्रबंधन कर रहा मकान की तलाश

रायपुर में पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के छात्रों को हॉस्टल की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कॉलेज प्रबंधन छात्रों के लिए मकान खोज रहा है, लेकिन अब तक कोई उपयुक्त विकल्प नहीं मिला है। फुंडहर में कामकाजी महिलाओं के लिए बने हॉस्टल को देखने के बाद भी खाली कमरा नहीं मिलने से निराशा हाथ लगी है। अब देवेंद्रनगर के आसपास मकान खोजा जा रहा है ताकि छात्रों को कॉलेज आने-जाने में परेशानी न हो। वर्तमान में छात्र किराए पर कमरा लेने के लिए 5 से 8 हजार रुपए तक चुका रहे हैं, जिससे उन्हें आर्थिक दिक्कतें हो रही हैं।

डेढ़ साल से हॉस्टल का काम अधूरा

पुराने स्वास्थ्य संचालनालय कार्यालय को हॉस्टल में बदलने की योजना थी, लेकिन डेढ़ साल बाद भी यह योजना अधूरी है। डीएमई कार्यालय और आयुष्मान भारत योजना का स्टेट नोडल एजेंसी कार्यालय पहले ही नवा रायपुर शिफ्ट हो चुका है, लेकिन हॉस्टल का निर्माण अभी तक नहीं हो पाया है। इस भवन में 20 बड़े कमरे हैं, जो हॉस्टल बनाने के लिए उपयुक्त हैं। योजना के तहत पैरामेडिकल और नर्सिंग काउंसिल कार्यालयों को शिफ्ट कर हॉस्टल बनाने की योजना थी, लेकिन यह भी अब तक अधर में है।

छात्र पेइंग वार्ड में रह रहे हैं

डीकेएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में एमसीएच के छात्रों के लिए भी हॉस्टल की व्यवस्था नहीं है। इन्हें पेइंग वार्ड को अस्थायी हॉस्टल के रूप में उपयोग करने की अनुमति दी गई है। राज्य सरकार ने हॉस्टल के निर्माण के लिए एक करोड़ रुपए का प्रावधान किया है, लेकिन इसके बनने में अभी समय लगेगा।

किराया और व्यवस्था

मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. विवेक चौधरी ने बताया कि छात्रों के लिए हॉस्टल की व्यवस्था करने के प्रयास जारी हैं। कॉलेज के आसपास मकान देखा जा रहा है, ताकि छात्रों को किराया देने की परेशानी न हो। बस की सुविधा भी दी जाएगी। कॉलेज के पुराने हॉस्टल कंडम हो चुके हैं, जिन्हें तोड़कर नया बनाया जा रहा है, लेकिन इसके निर्माण में समय लगेगा। छात्रों को इस बीच देवेंद्रनगर में महंगे किराए पर रहना पड़ रहा है, जो कि गरीब वर्ग के छात्रों के लिए भारी है।

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