कंपलीट स्ट्राइक की चेतावनी
जार्ड अध्यक्ष डॉ. मनोहर सियोल ने कहा, “हम 8 अक्टूबर से अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। अब तक हमने इमरजेंसी सेवाओं में हड़ताल नहीं की थी। 17 अक्टूबर को मंत्री ने सकारात्मक बातचीत की थी और दो दिन में समाधान का भरोसा दिया था, लेकिन 18 अक्टूबर को बैठक नहीं हुई और न ही कोई प्रशासनिक संपर्क किया गया। अगर हमारी मांगें 19 अक्टूबर की रात 8 बजे तक पूरी नहीं हुईं, तो हम पूरी हड़ताल करेंगे। इसका जिम्मा सरकार का होगा।”
2400 से अधिक रेजिडेंट्स की हड़ताल
पिछले 12 दिनों से जारी हड़ताल में 2400 से अधिक रेजिडेंट्स शामिल हैं। अब तक इमरजेंसी सेवाएं चालू थीं, लेकिन अगर पूरी हड़ताल शुरू हुई तो इमरजेंसी सेवाएं भी बंद हो जाएंगी, जिससे प्रदेशभर में इसका असर पड़ेगा।
अस्पतालों में स्थिति गंभीर
एसएमएस, जेके लोन, जयपुरिया, कांवटिया, जनाना और अन्य अस्पतालों में रेजिडेंट्स की हड़ताल से हालात बिगड़ चुके हैं। मरीजों को सही से इलाज नहीं मिल पा रहा है और सीनियर डॉक्टरों को ओपीडी और वार्ड में मरीजों को संभालने में मुश्किलें आ रही हैं।