पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े जवाई बांध में इस साल कम बरसात के बावजूद पानी धीरे-धीरे भरकर 60 फीट तक पहुंच गया है, जबकि इसकी कुल भराव क्षमता 61.25 फीट है। फिलहाल, बांध में 7000 एमसीएफटी पानी मौजूद है, जो वर्ष 1973 में हुई बारिश के बाद की भराई के बराबर है। इसके चलते पाली और जालोर जिलों के कुल 38671 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा।
इस पानी से पाली जिले के 33 गांवों की 25825.40 हेक्टेयर और जालोर जिले के 24 गांवों की 12845.60 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी, जिससे कुल 38600 किसानों को फायदा मिलेगा। पिछले साल भी किसानों को जवाई बांध से सिंचाई का पूरा पानी मिला था।
अन्य बांधों से भी सिंचाई
सिंचाई के लिए जवाई के अलावा सरदारसमंद और खारड़ा बांध से भी पानी उपलब्ध होगा। सरदारसमंद बांध, जो अंग्रेजी शासन काल में बना था, 30 साल बाद इस साल पूरा भर गया है और इससे 10325 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई होगी। खारड़ा बांध से 2451 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों को पानी मिलेगा।
सेई बांध से पानी की आवक
जवाई बांध के सहायक सेई बांध से भी पानी आ रहा है। सेई में 3.60 मीटर (516.25 एमसीएफटी) पानी है, लेकिन इसका एक हिस्सा डेड स्टोरेज में रहेगा। इस वजह से जवाई बांध में पूरा पानी आना थोड़ा मुश्किल है।
जवाई बांध जल वितरण समिति की बैठक
रबी की फसल के लिए जवाई बांध से पानी वितरण और पेयजल आरक्षण को लेकर 24 अक्टूबर को बैठक आयोजित की जाएगी। सरदारसमंद बांध की बैठक 25 अक्टूबर और खारड़ा बांध की बैठक 26 अक्टूबर को होगी, जिसमें जल वितरण के निर्णय लिए जाएंगे।
एनआर रोत, अधीक्षण अभियंता, जल संसाधन विभाग, पाली, ने बताया कि जवाई, सरदारसमंद, और खारड़ा बांध में पर्याप्त पानी है, जिससे किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिल सकेगा।