याचिकाकर्ता के वकील संजीव सिंघल ने कोर्ट में बताया कि संजय कुमार पेशे से टेक्सी ड्राइवर है, और पेपर लीक से जुड़े लोगों ने उसकी टैक्सी किराए पर ली थी। एसओजी ने उसे 11 अप्रैल को गिरफ्तार किया था। संजय पर आरोप था कि उसने पेपर लीक के आरोपियों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया और कुछ परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र तक छोड़ा। हालांकि, चार्जशीट में पेपर लीक में उसकी संलिप्तता का कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है। इसके बावजूद निचली अदालत ने उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।
विशेष लोक अभियोजक अनुराग शर्मा ने तर्क दिया कि संजय ने पेपर लीक गैंग के सदस्य भांबू और अन्य आरोपियों की मदद की थी। लेकिन हाईकोर्ट ने यह कहते हुए जमानत मंजूर की कि संजय ने केवल आरोपियों को एक जगह से दूसरी जगह छोड़ा था। कोर्ट ने उसे एक लाख रुपये के निजी मुचलके और 50-50 हजार रुपये के दो जमानतदारों पर रिहा करने का आदेश दिया।