उपाध्याय ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार लक्ष्मी पूजन केवल 31 अक्टूबर को ही करना है। इस दिन प्रदोष काल और स्थिर व्रष लग्न का संयोग बन रहा है, जो लक्ष्मी पूजन के लिए शुभ है। उन्होंने कहा कि स्थिर लग्न में लक्ष्मी की पूजा करने से धन की स्थिरता बनी रहती है।
इस वर्ष 29 अक्टूबर को पूजा की जाएगी, जिससे नए सामान लाने पर धन में वृद्धि के संकेत मिलते हैं। 30 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी का व्रत रहेगा। वहीं, 1 नवंबर को अन्नकूट गोवर्धन पूजा नहीं होगी, बल्कि यह पूजा 2 नवंबर को की जाएगी।