चारभुजा स्थित रामद्वार के छलकने पर गोमती नदी से झील में पानी की आवक शुरू हुई थी, जिससे 26 अगस्त को जलस्तर 16.50 फीट तक पहुंचा। इसके बाद, नाथद्वारा के बाघेरी नाका के ओवरफ्लो होने पर नंदसमंद झील में पानी आया और फिर खारी फीडर को खोलकर राजसमंद झील तक पानी पहुंचाया गया। इसके चलते झील का जलस्तर अब 28 फीट तक बढ़ गया है।
जल संग्रह के लिए नए एनिकट
बारिश का पानी बहकर जाने से रोकने के लिए भीम और कुंभलगढ़ तहसील में चार एनिकट बनाए जाएंगे। दो अधूरे एनिकट का कार्य पूरा कर इन पर 10 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इनसे 8 से 10 एमसीएफटी पानी एकत्र होगा, जिससे जलस्तर में वृद्धि होगी और पशुओं के लिए भी पानी उपलब्ध हो सकेगा।
नहर सफाई का कार्य जारी
राजसमंद झील से निकलने वाली मुख्य नहर की सफाई भी जारी है। रबी की फसल की बुवाई के लिए इस नहर को नवंबर में खोलने की योजना है, जिससे राजसमंद के 45 गांवों और नाथद्वारा के 7 गांवों में सिंचाई हो सकेगी। इसके साथ ही शहरी क्षेत्रों में भी राजसमंद झील से पानी की आपूर्ति की जाती है।