भगवान धन्वंतरि की पूजा और मंदिरों में विशेष झांकियां सजाई जाएंगी। इस धनतेरस पर 100 साल बाद विशेष महासंयोग बन रहा है, जिसमें लक्ष्मी नारायण राजयोग का संयोग भी शामिल है। ज्योतिषियों के अनुसार इस योग में कुबेर का पूजन शुभ माना गया है। टैरोकार्ड रीडर के अनुसार, पीतल-चांदी के बर्तन, सोने-चांदी के आभूषण और झाडू खरीदने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
इस साल अमावस्या की तिथि दो दिन होने से दीपोत्सव छह दिन तक मनाया जाएगा। परकोटे के मुख्य बाजारों के साथ-साथ सीकर रोड, वैशालीनगर, खातीपुरा, जगतपुरा, मानसरोवर, टोंकरोड, सांगानेर और राजापार्क में भी काफी भीड़ रहेगी। शाम को दीपदान का आयोजन होगा और अलग-अलग थीम पर सजावट से बाजार चमकेंगे।
धनतेरस से भाई दूज तक, घर और मंदिरों में त्योहार की रौनक देखी जाएगी।