नरक चतुर्दशी (रूप चौदस) 2024 में 30 अक्टूबर को मनाई जा रही है। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर भगवान श्रीकृष्ण, कालिका माता और यमराज की पूजा की जाती है। इस दिन को छोटी दिवाली भी कहा जाता है, क्योंकि श्रीकृष्ण ने इस दिन राक्षस नरकासुर का वध कर देवताओं और कैद महिलाओं को मुक्त किया था। इस खुशी में दीपक जलाने की परंपरा है।
नरक चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त
- चतुर्दशी तिथि आरंभ: 30 अक्टूबर, दोपहर 1:16 बजे
- चतुर्दशी तिथि समाप्त: 31 अक्टूबर, दोपहर 3:52 बजे
- अमृत काल: 30 अक्टूबर, दोपहर 2:56 बजे से शाम 4:45 बजे तक
- सर्वार्थ सिद्धि योग: 30 अक्टूबर, सुबह 6:32 बजे से रात 9:43 बजे तक
- भद्रावास योग: 30 अक्टूबर, दोपहर 1:16 बजे से 31 अक्टूबर, रात 2:35 बजे तक
पूजा विधि
- सुबह तिल का तेल लगाकर स्नान करें जिससे रूप और सौंदर्य की प्राप्ति होती है।
- इस दिन श्रीकृष्ण, यमराज और हनुमानजी की पूजा करें। स्नान के बाद धूप-दीप जलाकर विधिपूर्वक पूजा करें।
- हनुमान चालीसा और हनुमान आरती का पाठ कर हनुमानजी को भोग अर्पित करें।
- शाम को मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा में यम दीपक जलाएं।
नरक चतुर्दशी पर विशेष उपाय
- मुख्य द्वार के सामने यमराज के नाम का तेल का दीपक जलाएं।
- देवी-देवताओं की पूजा के बाद तेल का दीपक घर की चौखट और कार्यस्थल के प्रवेश द्वार पर रखें, जिससे धन और समृद्धि बनी रहे।
- रूप चौदस के दिन लाल चंदन, गुलाब की पंखुड़ियां और रोली की पूजा करें। इसे लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखने से स्थिर धन की प्राप्ति होती है।