गाजियाबाद में मंगलवार को जिला जज से बदसलूकी करने पर वकीलों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिसके बाद कोर्ट में हंगामा हुआ। वकीलों ने विरोध में कोर्ट में तोड़फोड़ की और पुलिस पर पथराव कर पुलिस चौकी में आग लगा दी।
क्या हुआ?
मंगलवार सुबह गाजियाबाद कोर्ट में सब कुछ सामान्य था, लेकिन 11 बजे के करीब स्थिति बदल गई। जिला जज अनिल कुमार की कोर्ट में पूर्व बार अध्यक्ष नाहर सिंह यादव और कुछ वकील एक केस की अग्रिम जमानत याचिका दूसरी कोर्ट में भेजने की मांग कर रहे थे। जब जज ने यह मांग ठुकरा दी, तो वकील नाराज हो गए और हंगामा करने लगे।
पुलिस का लाठीचार्ज
जब वकीलों ने जिला जज का घेराव किया, तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने वकीलों पर लाठीचार्ज किया। कोर्ट रूम में जगह कम होने के कारण पुलिस ने वकीलों को पीछे धकेलने के लिए थप्पड़ और लाठियों का इस्तेमाल किया। इससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई, और वकीलों ने गुस्से में पुलिस पर पथराव कर दिया, जिसमें एक दरोगा गंभीर रूप से घायल हो गए।
आगजनी और तोड़फोड़
वकीलों के गुस्से का रुख पुलिस पर चला गया, उन्होंने कोर्ट परिसर में पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने तुरंत फोर्स बुलाकर पूरे कोर्ट परिसर को पुलिस छावनी में बदल दिया। इस हंगामे के दौरान लगभग 25-30 वकील घायल हो गए, जिनमें से पांच महिला वकील भी शामिल हैं।
वकीलों के खिलाफ मामले दर्ज
वकीलों पर कई गंभीर धाराओं में दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इन मुकदमों में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, सरकारी काम में बाधा डालने और सार्वजनिक शांति भंग करने के आरोप शामिल हैं। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दिनेश कुमार पी. ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए सीसीटीवी फुटेज कब्जे में ले लिए गए हैं और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।