Site icon Channel 009

शिक्षिका का आरोप: वेतन लगाने के लिए मांगे 40 हजार रुपये, न्याय की गुहार

मामला:
मऊ के बेसिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार का नया मामला सामने आया है। कंपोजिट विद्यालय रणवीर पुर, ब्लॉक परदहा की शिक्षिका सीमा ने डेढ़ साल से वेतन अवरुद्ध होने के बाद अब मुख्यमंत्री और अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है।

विवरण:
सीमा का दो दिन का वेतन, गुणवत्ता के नाम पर जिला समन्वयकों ने रोक दिया। इसके बाद जब वेतन लगवाने के लिए सीमा ने बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) के कार्यालय में कई बार संपर्क किया, तो वहां के बाबू जितेंद्र सिंह ने एक दिन का वेतन लगाने के बदले 20,000 रुपये की मांग की। इस तरह, दो दिन के वेतन के लिए कुल 40,000 रुपये मांगे गए।

शिकायतें और धमकियां:
सीमा का आरोप है कि बाबू उसका मानसिक शोषण कर रहे हैं और उसे धमकी दी जा रही है कि अगर शिकायत वापस नहीं ली, तो उसे सस्पेंड कर दूर स्थान पर भेज दिया जाएगा। सीमा ने यह भी कहा है कि अगर उसके साथ कोई अनहोनी होती है, तो इसके लिए बीएसए ऑफिस के बाबू जिम्मेदार होंगे।

आरोप और सवाल:
कई शिक्षकों का कहना है कि जिला समन्वयक और बीएसए ऑफिस के बाबू मिलकर गुणवत्ता के नाम पर वेतन रोकते हैं और बाद में मोटा कमीशन लेकर वेतन बहाल कर देते हैं। कुछ अध्यापकों का मानना है कि बाबुओं की संपत्ति की जांच होनी चाहिए ताकि असलियत सामने आ सके।

अधिकारियों की प्रतिक्रिया:
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष उपाध्याय ने कहा कि मामला संज्ञान में है और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। लेकिन सवाल उठता है कि इतने आरोपों के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी क्यों कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।

Exit mobile version