मध्यप्रदेश में जिलों, तहसीलों और ब्लॉक की सीमाएं तय करने के लिए सरकार ने एक आयोग का गठन किया है। इस पुनर्गठन आयोग का नेतृत्व रिटायर्ड आईएएस अधिकारी मनोज श्रीवास्तव कर रहे हैं। आयोग का उद्देश्य प्रदेश में नए जिलों, तहसीलों और विकासखंड का सीमांकन कर उनकी रूपरेखा तैयार करना है। संभावित नए जिलों में बीना, चांचौड़ा, खुरई, जुन्नारदेव, लवकुशनगर और मनावर शामिल हो सकते हैं।
क्या दो महीने में पूरा हो पाएगा काम?
सरकार ने दावा किया है कि परिसीमन का काम 2 महीने में पूरा किया जाएगा। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक जटिल प्रक्रिया है और इसे पूरा करने में अधिक समय लग सकता है। वर्तमान में मध्यप्रदेश में 10 संभाग, 56 जिले और 430 तहसीलें हैं। सभी स्तरों पर रिपोर्ट मंगाकर उनका विश्लेषण किया जाएगा, ताकि सीमाओं में जो भी विसंगतियां हैं उन्हें दूर किया जा सके।
मध्यप्रदेश का क्षेत्रफल:
मध्यप्रदेश भौगोलिक दृष्टि से भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। इसके व्यापक क्षेत्रफल के कारण लोगों को जिले, तहसील और ब्लॉक मुख्यालय तक पहुंचने में कठिनाई होती है। सीमाओं के पुनर्गठन की मांग लंबे समय से की जा रही है ताकि लोग आसानी से प्रशासनिक सेवाओं का लाभ उठा सकें।
नए जिलों की मांग:
बीना, चांचौड़ा, खुरई, जुन्नारदेव, लवकुशनगर और मनावर को जिला बनाने की मांग काफी समय से हो रही है। मुख्यमंत्री का कहना है कि परिसीमन के जरिए दूर-दराज के क्षेत्रों को बेहतर प्रशासनिक सुविधा देने की कोशिश की जाएगी।