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एंबुलेंस 12 मिनट में नहीं पहुंची तो लगेगा तीन हजार रुपये जुर्माना

उत्तराखंड में 108 एंबुलेंस सेवा का रिस्पांस टाइम घटा दिया गया है। अब मैदानी क्षेत्रों में एंबुलेंस को 12 मिनट के भीतर और पर्वतीय इलाकों में 20 मिनट के भीतर मरीज तक पहुंचना होगा। अगर एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंचती, तो संबंधित कंपनी पर तीन हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि सरकार ने एंबुलेंस सेवा का रिस्पांस टाइम सुधारने के लिए यह नई व्यवस्था लागू की है। वर्तमान में उत्तराखंड में 108 सेवा के तहत 272 एंबुलेंस हैं, और सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

हर ब्लॉक में बढ़ेंगी एंबुलेंस की संख्या

अब प्रत्येक ब्लॉक में चार से पांच एंबुलेंस उपलब्ध होंगी, जबकि पहले केवल एक या दो एंबुलेंस होती थीं। इससे मरीजों तक पहुंचने का रिस्पांस टाइम बेहतर होगा। पहले पर्वतीय क्षेत्रों में एंबुलेंस पहुंचने का अधिकतम समय 35 मिनट था, जिसे अब घटाकर 20 मिनट किया गया है।

मृत्यु के बाद निशुल्क शव ले जाने की व्यवस्था

अगर किसी मरीज की अस्पताल में मृत्यु होती है, तो सरकारी एंबुलेंस से शव को घर तक निशुल्क ले जाया जाएगा। पहले इस सेवा के लिए प्रति किमी 52 रुपये का चार्ज लगता था, जिससे परिजनों पर आर्थिक बोझ पड़ता था।

एंबुलेंस और कर्मचारियों का आउटसोर्सिंग का प्लान

अब सरकार पुरानी एंबुलेंस को प्राइवेट कंपनियों के माध्यम से संचालित करने की योजना बना रही है। इसका मतलब यह है कि आउटसोर्स एजेंसी एंबुलेंस खरीदेगी और कर्मचारियों को भी नियुक्त करेगी, जिससे सरकारी खर्च कम होगा।

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