

मुख्य बातें

- अस्पताल में अब बोर्ड पर डॉक्टर और स्टाफ की डिग्री व पंजीकरण संख्या साफ़-साफ़ लिखनी होगी।
- इससे मरीज और उनके परिजन को अस्पताल के बारे में सही जानकारी मिल सकेगी।
- अवैध अस्पतालों पर रोक के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सख्त नियम लागू किए हैं, जिससे ऐसे अस्पतालों की पहचान और नियंत्रण आसान हो सके।
विस्तार से
गोरखपुर में अवैध अस्पतालों पर रोक लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अब अस्पतालों के लिए कुछ नए नियम लागू किए हैं। अब पंजीकृत अस्पतालों को प्रवेश द्वार पर बड़े अक्षरों में पंजीकरण संख्या, डॉक्टर और स्टाफ की डिग्री और नाम लिखना अनिवार्य होगा। इसका मकसद यह है कि मरीज और उनके परिजन अस्पताल की वैधता के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकें।
आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के पदाधिकारी और समाज के प्रबुद्ध लोग भी इस कदम का समर्थन कर रहे हैं। उनका मानना है कि इस नियम से डॉक्टरों के पेशे की गरिमा बनी रहेगी और मरीजों को सही जानकारी मिल सकेगी।
गोरखपुर में अक्सर अवैध नर्सिंग होम और बिना लाइसेंस वाले अस्पतालों के मामले सामने आते हैं। कई बार फार्मासिस्ट या एंबुलेंस चालक भी अस्पताल चला रहे हैं। इन अवैध अस्पतालों पर कार्रवाई हो रही है, लेकिन फिर भी इनके खुलने की संभावना बनी रहती है।
इस पर रोक के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पंजीकरण और नवीनीकरण के नियमों को सख्त कर दिया है। इसका असर भी दिखने लगा है, लेकिन आम लोगों को भी अवैध अस्पतालों से सावधान और जागरूक रहने की जरूरत है।