देशभर में सभी वाहनों के लिए PUC (प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र) अनिवार्य है, जिसे बनवाने में केवल 10 मिनट का समय लगता है।
विस्तार:
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है, और इसमें वाहनों से निकलने वाले धुएं का भी बड़ा योगदान है। हालांकि वाहनों से होने वाले प्रदूषण को पूरी तरह से रोकना मुश्किल है, लेकिन PUC प्रमाणपत्र की मदद से इसे एक तय सीमा में रखा जा सकता है, जो सभी के लिए अनिवार्य है।
प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर सख्ती:
दिल्ली में केवल दो हफ्तों में 54,000 से ज्यादा वाहनों पर, जिनके पास वैध PUC नहीं था, जुर्माना लगाया गया है। अधिकारियों ने प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है, इसलिए यह सुनिश्चित करें कि आपके वाहन के पास वैध PUC है, जिससे आपको भारी जुर्माने से बचाया जा सके।
बिना PUC वाले वाहनों पर जुर्माना:
दिल्ली परिवहन विभाग ने बिना PUC के चल रहे वाहनों पर जुर्माने की राशि 10,000 रुपये तक रखी है। बार-बार नियम तोड़ने पर वाहन जब्त भी किया जा सकता है, और वाहन मालिक को छह महीने तक की जेल हो सकती है।
PUC कैसे प्राप्त करें:
PUC बनवाने में ज्यादा समय या प्रयास नहीं लगता। दिल्ली और अन्य जगहों पर कई PUC केंद्र हैं, जहाँ आप अपना मोबाइल नंबर देकर OTP प्राप्त कर सकते हैं और आपका PUC बन जाएगा। इसकी फीस निजी कारों के लिए लगभग 150 रुपये और दोपहिया वाहनों के लिए 100 रुपये होती है, जो एक साल के लिए मान्य होती है।
क्या वाहन PUC जाँच में फेल हो सकता है?
यदि वाहन का धुआं तय सीमा से ज्यादा है, तो वह जाँच में फेल हो जाएगा। इसके लिए कोई जुर्माना नहीं है, लेकिन वाहन मालिक को इसे ठीक कराने की सलाह दी जाती है। टेलपाइप से ज्यादा धुआं गंदे फ्यूल इंजेक्टर, खराब स्पार्क प्लग, या खराब साइलेंसर जैसी समस्याओं के कारण हो सकता है। जाँच में फेल होने पर वाहन को किसी प्रमाणित सर्विस सेंटर में ले जाना उचित होता है।