लैप्स का आंकड़ा चिंताजनक:
- पिछले छह वर्षों में 2.73 लाख मीट्रिक टन गेहूं लैप्स हो चुका है, जो कि एक महीने के लिए लाभार्थियों की आवश्यकता के बराबर है।
- इस साल जनवरी से लेकर अब तक 68 हजार मीट्रिक टन गेहूं का उठाव नहीं हो सका और यह लैप्स हो गया है।
- नवंबर में भी 30 हजार मीट्रिक टन गेहूं लैप्स होने की संभावना है।
जयपुर की स्थिति:
- जयपुर जिले में भी हालात खराब हैं। रास्ते में हजारों क्विंटल गेहूं गायब हो गया है।
- जुलाई से अक्टूबर तक 27 हजार किलो गेहूं राशन की दुकानों तक नहीं पहुंचा।
- नवंबर में 73 हजार क्विंटल गेहूं लैप्स हो गया है।
सरकारी दावे: खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने कहा है कि उठाव और परिवहन में पारदर्शिता लाने के लिए कुछ बदलाव किए गए हैं और एक-दो महीने में इसके परिणाम सामने आएंगे। यह स्थिति गरीबों के हक को प्रभावित कर रही है और समय पर सुधार की आवश्यकता है।