सड़क निर्माण का कार्य तीन साल से चल रहा है
कोयला परिवहन को सुविधाजनक बनाने के लिए सर्वमंगला चौक से इमलीछापर चौक तक 5.50 किलोमीटर लंबी सड़क को फोरलेन में बदलने की योजना बनाई गई थी। इसके लिए राशि एसईसीएल प्रबंधन द्वारा स्वीकृत की गई थी, और 2021 में पहली किस्त जारी की गई थी। हालांकि, ठेका कंपनी ने काम शुरू किया, लेकिन सड़क का निर्माण समय पर पूरा नहीं हो सका।
बिजली के खंभों को हटाने में देरी से प्रभावित हुआ कार्य
कुसमुंडा के इमलीछापर चौक से कुचैना मोड़ तक सड़क किनारे स्थित बिजली के खंभों को शिफ्ट करने का कार्य अब पूरा हो गया है। बिजली कंपनी ने तीन ट्रांसफार्मर भी दूसरे स्थान पर लगा दिए हैं, लेकिन सड़क निर्माण का काम अभी शुरू नहीं हुआ है। सड़क की हालत खराब हो चुकी है, जिसमें छोटे-बड़े गड्ढे हैं, जिससे वाहन चलाने में काफी परेशानी हो रही है।
धूल से स्थानीय लोगों की परेशानी, कारोबार भी प्रभावित
कुचैना मोड़ से इमलीछापर चौक तक छोटी-बड़ी गाड़ियों के चलने से धूल उड़ रही है, जिससे आसपास के लोगों को कठिनाई हो रही है। धूल के कण घरों में समा रहे हैं, जिससे लोगों में नाराजगी बढ़ रही है। स्थानीय लोग प्रशासन को इस स्थिति के लिए जिम्मेदार मानते हैं, और धूल के कारण उनके कारोबार पर भी असर पड़ रहा है।
सर्वमंगला से इमलीछापर तक का कार्य लगभग पूरा
सर्वमंगला से इमलीछापर चौक के बीच का सड़क निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। लेकिन बरमपुर के पास बिजली के पोल हटने के कारण सड़क अधूरी है, और बरमपुर मोड़ के पास की सड़क भी अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। ठेका कंपनी को सड़क बनाने के लिए 30 महीने का समय दिया गया था, लेकिन प्रशासन समय पर आवश्यक काम नहीं कर सका, जिससे कार्य में रुकावटें आई हैं।