खान विभाग केवल 12 हजार खान संचालकों के एनओसी के लिए आवेदन करा सका, जिनमें से लगभग 1 हजार को ही एनओसी मिल पाया है। जबकि, राज्य स्तरीय पर्यावरण समिति का कार्यकाल अक्टूबर में समाप्त हो गया है, जिससे एनओसी जारी करने की प्रक्रिया रुकी हुई है।
राज्य सरकार ने नई समिति बनाने के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को प्रस्ताव भेज दिया है, लेकिन केंद्र की ओर से कोई अधिसूचना नहीं आई है। एनजीटी ने अन्य राज्यों की सुनवाई के दौरान एनओसी की अंतिम तिथि बढ़ाने से भी इनकार कर दिया है।
राजस्थान में 35 हजार प्रधान, अप्रधान, और क्वारी लाइसेंस के तहत खानें चल रही हैं, जिससे राज्य में 36 लाख लोगों को रोजगार मिलता है। लेकिन 23 हजार खानों के बंद होने से 15 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार संकट का सामना करना पड़ेगा।