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बाघ की मौत: गंभीर चोटें मिलीं, हमले के सबूत मिले

सवाई माधोपुर: रणथंभौर बाघ परियोजना के कुण्डेरा रेंज में मृत मिले बाघ टी-86 की स्थिति बेहद गंभीर थी। वन अधिकारियों ने बताया कि बाघ को इतनी बार पीटा गया कि उसकी जुबान बाहर लटक गई थी। इस तरह की बर्बरता केवल इंसान ही कर सकता है।

बाघ के शव पर धारदार हथियारों से चोट के निशान पाए गए हैं, विशेष रूप से उसकी आंखों, कमर और पैरों पर। यह स्थिति दर्शाती है कि बाघ पर हमला किया गया था। इसके बाद, वन और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में एक मेडिकल बोर्ड ने बाघ का पोस्टमार्टम किया।

नमूने लिए गए और जांच शुरू

विशेषज्ञों ने बाघ के शव से विसरा और अन्य नमूने लिए हैं। ये नमूने जयपुर और बरेली की प्रयोगशालाओं में जांच के लिए भेजे जाएंगे। रिपोर्ट आने के बाद यह स्पष्ट होगा कि बाघ की मौत का असली कारण क्या था।

पश्चिमी गांव में बाघ का शव मिला

रविवार शाम को उलियाना गांव के पास बाघ का शव मिला था। इससे पहले, बाघ का एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसी क्षेत्र में इस बाघ ने एक ग्रामीण भरतलाल मीना पर भी हमला कर उसे मार डाला था। हालांकि, यह पुष्टि नहीं हो पाई है कि जो बाघ मृत मिला, वही ग्रामीण की मौत का कारण था।

मुकदमा दर्ज होने की संभावना

पोस्टमार्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, बाघ की मौत मानव हमले के कारण होने की संभावना है। इसलिए, वन विभाग अज्ञात लोगों के खिलाफ बाघ की हत्या का मामला दर्ज कर सकता है। हालाँकि, विभाग ने इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है और अधिकारी इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं।

अधिकारियों की टिप्पणी

उपवन संरक्षक रामानंद भाकर ने कहा, “बाघ के शरीर पर कई चोटों के निशान हैं, जिनमें से कुछ पुराने हैं, जो शायद क्षेत्रीय संघर्ष के दौरान लगी होंगी, जबकि कुछ ताजा चोटें हैं। बाघ पर इंसानी हमले की संभावना को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं, और रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।”

इस घटना ने वन्यजीव संरक्षण को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं, और यह बाघों की सुरक्षा के लिए बड़े खतरे का संकेत है।

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