किसानों की मांग पर विचार: जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता चेतराम मीना ने बताया कि किसानों ने नहरों में पानी छोड़ने की मांग की है, ताकि सिंचाई में सुविधा मिल सके। जल प्रबंध समिति के अध्यक्ष नानजीराम मीना ने भी इस संबंध में पत्र लिखकर 10 से 15 नवंबर के बीच पानी छोड़ने की मांग की है।
14 अगस्त से चल रही है चादर: इस साल अच्छी बारिश के कारण मोरेल बांध पांच साल बाद पूरा भर गया है। 14 अगस्त से अब तक बांध पर पानी की चादर लगातार चल रही है और बांध का पानी मोरेल नदी में बह रहा है। जिस दिन नहरों में पानी छोड़ा जाएगा, उस दिन यह चादर रुक जाएगी।
अंतिम छोर तक पहुंचेगा पानी: सहायक अभियंता मीना के अनुसार, बांध में सिंचाई के लिए 2496 एमसीएफटी पानी उपलब्ध है। इस बार नहरों में पानी अंतिम छोर तक पहुंचाया जाएगा, और पानी छोड़ने से पहले सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। नहरों में सफाई, मरम्मत, और माइनरों पर गेट आदि का प्रबंध किया गया है।