जम्मू-कश्मीर विधानसभा में राज्य के विशेष दर्जा बहाल करने के प्रस्ताव को लेकर भाजपा और नेशनल कॉन्फ्रेंस में जोरदार बहस हुई। प्रस्ताव पारित होने के बाद सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया।
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जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बुधवार को एक बड़े हंगामे का माहौल था, जब उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने राज्य का विशेष दर्जा बहाल करने के लिए केंद्र सरकार से बातचीत करने का प्रस्ताव पेश किया। भाजपा और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच इस प्रस्ताव पर जोरदार बहस हुई।
भाजपा और नेशनल कॉन्फ्रेंस में तीखी बहस
उपमुख्यमंत्री चौधरी ने कहा कि राज्य का विशेष दर्जा बहाल होना चाहिए और केंद्र से इस पर चर्चा होनी चाहिए। भाजपा ने इसका कड़ा विरोध करते हुए इसे कानूनी दृष्टि से अमान्य बताया और कहा कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद इसका कोई मतलब नहीं है। भाजपा के नेता सुरिंदर चौधरी ने इसे देशविरोधी बताया।
विधानसभा में नारेबाजी और हंगामा
प्रस्ताव का समर्थन करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और आम आदमी पार्टी के विधायक साथ आए, जबकि भाजपा और जम्मू के अन्य नेताओं ने इसका विरोध किया। भाजपा के विधायक ‘पांच अगस्त जिंदाबाद’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगा रहे थे, जबकि जम्मू के कुछ अन्य नेताओं ने ‘कश्मीर हमारा है’ जैसे नारे लगाए। स्पीकर ने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि शोर मचाने के बजाय बहस होनी चाहिए। शोर बढ़ने पर सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया।
कश्मीरी नेताओं की प्रतिक्रिया
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने कहा कि वे विशेष दर्जा बहाल करना चाहते हैं, न कि स्वतंत्रता। भाजपा के नेताओं ने इस पर आपत्ति जताई। आम आदमी पार्टी के विधायक मेहराज मलिक ने कहा कि मुद्दे पर बातचीत होनी चाहिए, हंगामे से कोई हल नहीं निकलेगा।
विरोध में भाजपा के नेता
भाजपा के नेता विक्रम रंधावा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के साथ मिलकर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने वोट लिया। सदन में तनाव और बढ़ा जब सज्जाद शाहीन और भाजपा नेता सुनील शर्मा के बीच तीखी बहस हुई।
सदन की कार्यवाही स्थगित
स्पीकर ने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की और बाद में हंगामा बढ़ता देख कार्यवाही को एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया।