भोपाल सांसद आलोक शर्मा और विधायक भगवान दास सबनानी ने वित्त मंत्री से मुलाकात की और इसके खिलाफ विरोध जताया। बिल्डर्स और अन्य जनप्रतिनिधियों की आपत्तियों के बाद अब इस प्रस्ताव पर पुनः विचार किया जाएगा।
आपत्तियां:
- गाइडलाइन दरें बाजार मूल्य से ज्यादा हैं।
- प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ाने के लिए अतिरिक्त शुल्क और शुल्क जोड़ दिए गए हैं।
- गाइडलाइन की दरों से प्रॉपर्टी टैक्स में भी बढ़ोतरी हो रही है।
- गाइडलाइन की दरें तय करने के लिए कोई वैज्ञानिक तरीका नहीं है।
अभी इस मुद्दे पर जनप्रतिनिधियों से चर्चा जारी है और संशोधित प्रस्ताव को केंद्रीय समिति से मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा।