रेलवे ने अपनी सुरक्षा और संचालन में सुधार के लिए जयपुर मंडल में ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली का काम शुरू किया है। कानोता से हिरनोदा के बीच यह काम पूरा हो चुका है। पहले, गांधीनगर से जयपुर जंक्शन और जयपुर जंक्शन से कनकपुरा तक इस तकनीक को लागू किया गया था। मदार से कानोता के बीच का 30 किलोमीटर का हिस्सा भी जल्द पूरा हो जाएगा।
स्पीड और संचालन में सुधार
इस नई तकनीक से ट्रेनों को अगले स्टेशन पर पहुंचने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा, और मेट्रो की तरह एक के बाद एक ट्रेनें दौड़ सकेंगी। जयपुर जंक्शन, गांधीनगर और कनकपुरा स्टेशनों पर आउटर पर खड़ा रहने की जरूरत नहीं होगी, जिससे ट्रेनों की स्पीड और यात्रियों का समय दोनों की बचत होगी।
ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम कैसे काम करता है?
ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम में हर एक किलोमीटर पर सिग्नल लगाए जाते हैं। इससे ट्रेनें एक-दूसरे के पीछे आसानी से चल सकती हैं। अगर किसी सिग्नल में समस्या आती है, तो पीछे की ट्रेनों को तुरंत जानकारी मिल जाती है और दुर्घटनाओं से बचाव होता है।