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गोरखपुर चिड़ियाघर: अब एक साथ रहेंगे नर और मादा भेड़िए, बढ़ेगी दोस्ती

सारांश:
बहराइच के गांवों में आदमखोर भेड़ियों ने हंगामा मचाया था और इंसानों पर हमला किया था। 29 अगस्त को नर और 10 सितंबर को मादा भेड़िए को रेस्क्यू कर गोरखपुर चिड़ियाघर लाया गया। अब उनका स्वभाव शांत हो गया है और उन्हें एक साथ बाड़े में रखा जाएगा।

विस्तार:
बहराइच से रेस्क्यू कर गोरखपुर चिड़ियाघर लाए गए आदमखोर नर और मादा भेड़ियों का व्यवहार अब बदल गया है। एकांत और भरपेट भोजन मिलने से दोनों भेड़िए शांत हो गए हैं। चिड़ियाघर में शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान में भेड़िए के बाड़े को तैयार किया गया है।

इन भेड़ियों को फिर से जंगल में नहीं छोड़ा जा सकता, क्योंकि वे दोबारा हमला कर सकते हैं। फिलहाल दोनों भेड़िए अलग-अलग सेल में हैं और एक-दूसरे को देख नहीं सकते। चिड़ियाघर प्रबंधन उनके बीच एक खिड़की खोलने की योजना बना रहा है ताकि वे एक-दूसरे को देख सकें और उनमें दोस्ती हो सके।

दर्शकों के लिए भी उपलब्ध होंगे
रेस्क्यू सेंटर में उनके आक्रामक व्यवहार में काफी कमी आई है। इसे देखकर चिड़ियाघर प्रबंधन ने उन्हें मुख्य बाड़े में लाने का विचार किया है, जिससे दर्शक भी उन्हें देख सकेंगे। चिड़ियाघर के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. योगेश प्रताप सिंह के अनुसार, दोनों भेड़िए स्वस्थ हैं और उनके स्वभाव में काफी शांति आ गई है। उन्हें मुख्य बाड़े में लाने की योजना है और उनके सेल में एक खिड़की खोली जाएगी ताकि वे एक-दूसरे को देख सकें।

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