इसके साथ ही रेलवे ने निम्न तैयारियां की हैं:
- कोहरे के समय लोको पायलटों को ट्रेन की गति 60 से 75 किलोमीटर प्रति घंटा या उससे भी कम रखने के निर्देश दिए गए हैं।
- सिग्नलों के बोर्डों पर चमकीली पट्टियाँ लगाई जा रही हैं ताकि पायलटों को संकेत आसानी से दिख सकें।
- स्टेशन मास्टरों को कोहरे के दौरान विजिबिलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट (वीटीओ) का उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि लोको पायलटों को मदद मिल सके।
- सर्दियों में पटरियों के फ्रेक्चर की संभावना को देखते हुए अल्ट्रासाउंड मशीनों से उनकी जांच की जा रही है।
- पटरियों में फ्रेक्चर की संभावनाओं वाले क्षेत्रों में कोल्ड वेदर पेट्रोलिंग की जा रही है।
कोहरे की समस्या को देखते हुए उत्तर पश्चिम रेलवे ने पूरी तैयारी कर ली है।