आरजीएचएस के नियमों के मुताबिक, यदि पति-पत्नी दोनों राज्य कर्मचारी हों, तो दोनों के वेतन से कटौती की जाएगी और बदले में उनके माता-पिता का इलाज मुफ्त किया जाएगा। लेकिन कर्मचारियों की शिकायत है कि उनके माता-पिता को यह सुविधा नहीं मिल रही है। सरकार ने शर्त रखी है कि दोनों के माता-पिता का नाम एक ही जनाधार कार्ड में होना चाहिए, जो व्यावहारिक रूप से संभव नहीं हो पा रहा है।
कई कर्मचारियों का कहना है कि पिछले चार साल से उनके वेतन से कटौती हो रही है, लेकिन सुविधा नहीं मिल रही। सरकार सॉफ्टवेयर अपडेट का हवाला देती है, जिससे यह सुविधा लागू नहीं हो पाई है।