दिल पर शारीरिक गतिविधि का प्रभाव
नियमित शारीरिक गतिविधि से दिल की सेहत में सुधार हो सकता है और यह हृदय की असामान्य गति (एट्रियल फिब्रिलेशन) जैसी गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम कर सकता है। अध्ययन में यह सामने आया है कि सप्ताह में कम से कम 2.5 घंटे की शारीरिक गतिविधि दिल के लिए फायदेमंद होती है।
एट्रियल फिब्रिलेशन और उसके खतरें
एट्रियल फिब्रिलेशन एक ऐसी स्थिति है, जिसमें हृदय के ऊपरी कक्ष असामान्य और तेज गति से धड़कते हैं। अगर इसका इलाज न किया जाए, तो यह दिल का दौरा, स्ट्रोक और हृदय विफलता जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है। इस अध्ययन का उद्देश्य इस स्थिति के जोखिम को कम करने के तरीकों को पहचानना था।
हल्की एक्सरसाइज से भी फायदा
अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. शॉन हेफ्रोन ने कहा, “आपको मैराथन दौड़ने की आवश्यकता नहीं है, बस नियमित रूप से हल्की शारीरिक गतिविधि करने से भी दिल की सेहत पर बड़ा प्रभाव पड़ता है।”
अधिक एक्सरसाइज से और बेहतर परिणाम
अध्ययन में यह भी पाया गया कि जो लोग सप्ताह में 5 घंटे से अधिक शारीरिक गतिविधि करते थे, उनके अतालता (Arrhythmia) का जोखिम 65 प्रतिशत तक घट गया, जिससे यह साबित हुआ कि अधिक गतिविधि से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं।
फिटबिट ट्रैकर का उपयोग
इस अध्ययन में फिटबिट जैसे फिटनेस ट्रैकर्स का उपयोग किया गया, जिससे 6,000 से अधिक पुरुषों और महिलाओं की शारीरिक गतिविधि का डेटा एकत्र किया गया। इस डेटा से यह स्पष्ट हुआ कि जिन लोगों ने अधिक शारीरिक गतिविधि की थी, उनमें अतालता का खतरा कम था।
इस अध्ययन से यह साफ है कि केवल 2.5 घंटे की मध्यम शारीरिक गतिविधि से दिल की सेहत को बहुत लाभ हो सकता है। नियमित व्यायाम से न केवल दिल की सेहत सुधरती है, बल्कि यह हृदय रोगों के जोखिम को भी कम करता है।