आंगनबाड़ी केन्द्र 0-6 वर्ष के बच्चों की देखभाल और स्वास्थ्य सेवा के साथ-साथ प्रारंभिक शिक्षा में भी सहयोग करते हैं। विशेष पिछड़ी जनजाति वाले गांवों में 153 आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जहां 3481 बच्चों का पंजीकरण है। जिले में 103 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र भी हैं।
कुल 330 आंगनबाड़ी केन्द्रों में बिजली की सुविधा है, 310 में बाउंड्रीवाल हैं, और 225 में पोषण वाटिका उपलब्ध है। पीएम जन मन योजना के तहत, ऐसे पिछड़े गांवों में 23 नए आंगनबाड़ी भवन बनाए जा रहे हैं, जिनकी लागत 12 लाख रुपये प्रति केन्द्र निर्धारित की गई है।