इनमें से कुछ स्थल बड़े शहरों के पास हैं, जैसे भोपाल, ग्वालियर और इंदौर, जो पर्यटकों की नजरों से बच जाते हैं। पर्यटन बोर्ड इन स्थानों पर सुविधाओं में वृद्धि कर रहा है, साथ ही महिला पर्यटकों की सुरक्षा के लिए स्थानीय महिलाओं को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
चिन्हित स्थान:
- रनेह वाटरफाल – खजुराहो
- आशापुरी मंदिर समूह – भोजपुर
- तामिया और देवगढ़ – पचमढ़ी
- खारीगांव, केकड़िया, जगदीशपुर – भोपाल
- मदन महल और गौरीघाट और नर्मदा के तटीय स्थल – जबलपुर
- मितावली पड़ावली के मंदिर, चौंसठ योगिनी मंदिर, तेली का मंदिर – ग्वालियर
- सिंग्रामपुर – दमोह
- लांझी का किला – बालाघाट
- सिंधिया की छतरियां – शिवपुरी
- काला ताजमहल, असीरगढ़ का किला – बुरहानपुर
- ककनमठ मंदिर – मुरैना
- पशुपतिनाथ और धर्मराजेश्वर मंदिर – मंदसौर
- पातालकोट और तामिया – छिंदवाड़ा
- सोनागिरी जैन मंदिर और दतिया का किला – दतिया
- मोती महल – मंडला
- बहुति झरना और क्योटी जलप्रपात – रीवा
- भीमकुंड और जटाशंकर – छतरपुर
- नजारा व्यू प्लाइंट, निदान कुंड – दमोह
मिलेंगी ये सुविधाएं:
- ग्रामीण होम स्टे
- हेरिटेज वाक और सांस्कृतिक गतिविधियां
- टूरिस्ट की सेफ्टी के लिए इंतजाम
- गाइड, टैक्सी और अन्य सुविधाएं