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खुली ट्रॉली योजना फ्लॉप, मक्का की नीलामी में पिकअप-ट्रक बने किसानों की पहली पसंद

छिंदवाड़ा अनाज व्यापारी संघ ने मंडी में जगह की कमी के चलते खुली ट्रॉली में मक्का की नीलामी का प्रस्ताव रखा, लेकिन यह योजना सफल नहीं हो सकी। मंडी में किसान और छोटे व्यापारी अब भी पिकअप और ट्रकों में बोरियों में मक्का भरकर ला रहे हैं। सोमवार से बुधवार तक केवल दो-तीन ट्रॉलियाँ ही खुली नीलामी में पहुंचीं, जबकि अधिकतर किसान पिकअप वाहनों का उपयोग कर रहे हैं।

समय पर उठाव न होने से परेशानी
मंडी में मक्का की भारी आवक हो रही है, लेकिन खरीदी के बाद उपज समय पर नहीं उठाई जाती, जिससे जगह की कमी हो जाती है। इस समस्या को हल करने के लिए खुली ट्रॉली में नीलामी का सुझाव दिया गया था। इसमें किसान का मक्का व्यापारी के गोदाम में तौल हो जाता, जिससे मंडी में जगह खाली हो जाती।

बोरियों में लाना आसान
कई छोटे व्यापारी पिकअप में अलग-अलग किसानों की उपज लेकर आते हैं और मंडी में ढेर लगाकर नीलामी कराते हैं। बोरियों में लाने से परिवहन भी अधिक हो पाता है और ढेर लगाकर नीलामी में परेशानी कम होती है। इस कारण वे पिकअप से बोरियों में मक्का लाना ही पसंद करते हैं।

संघ का समर्थन
मंडी संघ ने खुली ट्रॉली में नीलामी को बढ़ावा देने के लिए पहले केवल ट्रॉली में लाए मक्का की नीलामी करने की योजना बनाई थी, लेकिन किसान और व्यापारी अब भी पिकअप वाहनों का ही प्रयोग कर रहे हैं। मंडी प्रबंधन अगर इस व्यवस्था को सुधारने के लिए कोई कदम उठाता है, तो छिंदवाड़ा अनाज व्यापारी संघ उसमें पूरा सहयोग करेगा।

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