बोनस के बावजूद मजदूरों की सीएल और इंसेंटिव की मांग
कलिंगा कोल कंपनी में कई ऐसे मजदूर हैं जिन्होंने महीने में 26 दिन काम नहीं किया है, लेकिन वे अनुपस्थिति के दौरान सीएल (कम्पेन्सेटरी लीव) देने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा, ठेका कंपनी से इंसेंटिव की भी मांग की जा रही है। दिवाली से पहले ही 30 अक्टूबर को कोल इंडिया द्वारा सभी मजदूरों के बोनस का भुगतान किया जा चुका था, लेकिन फिर भी मजदूर ठेका कंपनी से अतिरिक्त भुगतान और सीएल की मांग पर अड़े हुए हैं।
बिना सूचना के अचानक हड़ताल
एसईसीएल मानिकपुर एरिया प्रबंधन ने मजदूरों की इस हड़ताल को अनुचित बताया है। प्रबंधन के अनुसार, ठेका कंपनी के साथ हुए समझौते के तहत मजदूरों को सीएल देने का प्रावधान नहीं है, फिर भी कुछ लोग मजदूरों को हड़ताल के लिए प्रेरित कर रहे हैं। तीन दिन से कोयला उत्पादन पूरी तरह बंद है, जिससे कोयला खनन पर असर पड़ रहा है।
कोयला परिवहन भी प्रभावित
मजदूरों ने एक दिन पहले कुसमुंडा के सतर्कता चौक पर भी धरना प्रदर्शन किया, जिससे लगभग पांच घंटे तक कोयला परिवहन बाधित रहा। ठेका मजदूरों की बार-बार हड़ताल से कोल इंडिया की सहयोगी कंपनी एसईसीएल के लिए उत्पादन बनाए रखना मुश्किल हो रहा है।