इस प्रोजेक्ट का नाम ‘एआई तकनीक समाधान’ रखा गया है, जिसमें राज्य के 18 ब्लॉकों के करीब 7,000 किसानों को जोड़ा जाएगा। इस साल चयनित ब्लॉकों में एआई तकनीक का काम शुरू होने की संभावना है। यदि प्रोजेक्ट सफल रहता है, तो इसे पूरे राजस्थान में लागू किया जाएगा।
किसानों को एआई विशेषज्ञों के साथ जोड़ा जाएगा, और कंपनियां जीपीएस तकनीक के माध्यम से किसानों को जरूरी सलाह और जानकारी देंगी। सबसे बड़ी मदद इस तकनीक से किसानों को यह पता चलेगा कि किस फसल में कितना और कब पानी देना है। इस योजना में उन किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी जिनके पास स्मार्टफोन हैं।
पायलट प्रोजेक्ट में झालावाड़, कोटपूतली, दौसा, आमेर, धौलपुर और अन्य जिलों के कई ब्लॉकों के किसान शामिल किए गए हैं। इस प्रोजेक्ट के पहले चरण में किसानों के लिए एक मोबाइल एप तैयार किया गया है, जिसमें वे अपने खेत की फसल का फोटो डालकर बीमारी और उत्पादन से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
– डॉ. नरेश कुमार शर्मा, कृषि अनुसंधान अधिकारी, कोटा