पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत, सरकार और बिजली कंपनियां लोगों को अपने घरों की छतों पर सोलर पैनल लगवाकर बिजली बनाने के लिए प्रेरित कर रही हैं। सोलर ऊर्जा पर्यावरण के लिए लाभकारी और सबसे किफायती मानी जा रही है। इस योजना के अनुसार, अगर किसी उपभोक्ता के घर में बिजली की खपत नहीं हो रही है, तो वह अपने सोलर पैनल से बनी अतिरिक्त बिजली बेच सकता है। इससे न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी बल्कि बिजली के खर्च में भी कमी आएगी।
नेट मीटर से होगी खपत की गणना
बिजली कंपनी उपभोक्ता के घर में एक विशेष “नेट मीटर” लगाती है। यह मीटर सोलर पैनल से बनने वाली बिजली की यूनिट को दर्ज करता है, जिससे इस्तेमाल की गई बिजली का हिसाब लगाया जाता है। कंपनी के अनुसार, अगर किसी घर में बिजली का बिल शून्य है, तो अन्य लोग उस बिजली का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे ग्रिड पर बिजली की मांग कम होती है।
बढ़ रही है सोलर पैनल की लोकप्रियता
इस साल की शुरुआत से अब तक 190 उपभोक्ताओं ने 1109 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल लगवाए हैं, और 208 अन्य उपभोक्ता 1094 किलोवाट क्षमता के पैनल लगवा रहे हैं। उपभोक्ता अपनी पसंद के वेंडर से सोलर पैनल लगवा सकते हैं और बिजली कंपनी सिर्फ नेट मीटर की व्यवस्था करती है।
अधिकारियों का कहना है
अधिक से अधिक लोग छतों पर सोलर पैनल लगवाकर बिजली बना सकते हैं, जिससे ग्रिड पर निर्भरता कम होगी। भविष्य में अधिक बिजली उत्पन्न होकर भी खपत कम हो सकती है, इसलिए लोगों को इस योजना का फायदा लेना चाहिए।