कई बड़े नक्सली हमलों में शामिल रही
मंजुला, जो दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति और दक्षिण उप-क्षेत्रीय ब्यूरो की सदस्य रही है, ने 2013 के झीरम घाटी हमले में भी हिस्सा लिया था। इस हमले में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं की मौत हुई थी। इसके अलावा, वह चित्यला, नरसापेट, और एथूरनगरम जैसे इलाकों में पुलिस स्टेशनों पर हमलों की भी आरोपी रही है।
नक्सली संगठन में था बड़ा कद
मंजुला नक्सली संगठन के पीपुल्स वार ग्रुप में 1994 से सक्रिय थी। उसने मेडिकल टीम प्रभारी और दरभा डिविजनल कमेटी की सदस्य के रूप में काम किया। सरकार ने उसके सिर पर 20 लाख रुपए का इनाम रखा था।
पति भी कर चुका है सरेंडर
1999 में मंजुला ने पेरम बुचैया उर्फ सुरेंद्र से शादी की, जिसने 2000 में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। बाद में, 2001 में मंजुला ने कुकती वेंकटती उर्फ रमेश से शादी की और नक्सली संगठन में प्रेस टीम सुरक्षा प्लाटून में काम किया।
सरेंडर पर पुलिस की प्रतिक्रिया
पुलिस ने मंजुला के आत्मसमर्पण को माओवादियों के लिए बड़ा झटका बताया है। वारंगल के पुलिस कमिश्नर ने मंजुला पर घोषित 20 लाख का इनाम भी उसे सौंपा। पुलिस ने उम्मीद जताई है कि इससे अन्य नक्सली भी हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटेंगे।