बस्तर जिले की सड़कों पर इन दिनों किसान मक्का सुखाने के लिए सड़क का उपयोग कर रहे हैं। जगह की कमी और उचित व्यवस्था न होने के कारण किसान अपनी फसल सड़क पर सूखने के लिए डाल देते हैं। इससे सड़कें संकरी हो जाती हैं, जिससे राहगीरों और वाहन चालकों को परेशानी होती है। कई बार यह स्थिति गंभीर सड़क हादसों का कारण भी बन जाती है।
पिछले साल हुए हादसे
पिछले साल करपावंड और बकावंड थाना क्षेत्रों में सड़कों पर मक्का सुखाने के कारण हुए हादसों में 3 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद प्रशासन ने सड़कों पर फसल सुखाने पर प्रतिबंध लगाया था।
इस साल फिर दोहराई जा रही गलती
प्रशासन की चेतावनी के बावजूद इस साल किसान फिर से सड़कों पर मक्का सुखाने में लगे हैं। इससे सड़कों पर रुकावट बढ़ गई है और हादसों की आशंका बनी हुई है। ऐसा लगता है कि प्रशासन तब जागेगा जब कोई और बड़ा हादसा होगा।
सड़क पर फसल सुखाना क्यों खतरनाक है?
सड़क पर मक्का सुखाने से सड़क का आधा हिस्सा घिर जाता है, जिससे वाहनों के लिए जगह कम हो जाती है। इससे खासकर तेज गति वाले वाहनों के लिए दुर्घटनाओं का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
समाधान की जरूरत
किसानों के लिए फसल सुखाने की उचित व्यवस्था की जानी चाहिए। प्रशासन को चाहिए कि वह किसानों को सड़क पर फसल सुखाने से रोके और उनके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध कराए। इससे सड़कों पर होने वाले हादसों को रोका जा सकता है।