यह नेत्र रोग विशेषज्ञ छत्तीसगढ़ के बिलासपुर का रहने वाला है और उसका नाम हैदर अली है। वह चश्मा बनाने और बेचने का पारंपरिक काम करता है। उसकी पास एक मशीन भी है, जो आंखों की विजुअलिटी चेक करने में मदद करती है। इस मशीन की कीमत करीब 20 हजार रुपए है। वह अपनी यह सेवा बाजारों में घूमते हुए लोगों को देता है और उनकी आंखों की समस्या के हिसाब से चश्मा भी प्रदान करता है।
एक ओर जहां सरकारी अस्पतालों में नेत्र रोग विशेषज्ञों की कमी है, वहीं बाजारों में ऐसे चलते-फिरते नेत्र रोग विशेषज्ञों की संख्या बढ़ रही है। हालांकि, इन डॉक्टरों के पास मेडिकल डिग्री नहीं होती, लेकिन यह लोगों की आंखों की समस्याओं का समाधान तुरंत करते हैं।