मानव अधिकार किसी भी व्यक्ति के लिंग, जाति या वर्ग के आधार पर भेदभाव नहीं करते हैं। महिलाओं को भी पुरुषों के समान अपने मानव अधिकारों की सुरक्षा और संरक्षण प्राप्त करने का पूरा अधिकार है। यह बात डॉ. संदीप सबलोक ने कन्या महाविद्यालय में छात्राओं से कही।
कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आनंद तिवारी के मार्गदर्शन में, राजनीति विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. सुनीता त्रिपाठी और डॉ. प्रह्लाद सिंह के सहयोग से, महाविद्यालय की छात्राओं के लिए मानव अधिकारों का सर्टिफिकेट कोर्स चलाया जा रहा है। इस कोर्स में लगभग 200 छात्राएं भाग ले रही हैं।
डॉ. सबलोक ने कहा कि महिलाओं को जन्म लेने और जन्म देने का समान अधिकार है। उन्हें गर्भावस्था के दौरान सही पोषण और सुरक्षा प्राप्त करने का भी अधिकार है। जन्म लेने के बाद उन्हें मां का दूध पीने और सुरक्षित लालन-पालन का अधिकार है। हालांकि, भारत सहित कई देशों में पुरुष प्रधान सामाजिक व्यवस्था और रूढ़िवादी सोच के कारण महिलाएं आज भी अपने मूल मानव अधिकारों से वंचित हैं।