इस मामले में जबलपुर निवासी डॉ. पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव ने जनहित याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक उपेक्षा के कारण जबलपुर एयरपोर्ट की एयर कनेक्टिविटी घट गई है। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने भारत सरकार और एयरलाइंस कंपनियों से जवाब मांगा।
कोर्ट ने कहा कि जबलपुर देश का भौगोलिक केंद्र बिंदु है, तो केंद्र सरकार से पूछा गया कि अन्य प्रमुख शहरों से जबलपुर को जोड़ने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं।
याचिकाकर्ताओं ने बताया कि कोविड-19 महामारी से पहले जबलपुर एयरपोर्ट से 8 नियमित उड़ानें थीं, लेकिन अब केवल 4 उड़ानें ही संचालित हो रही हैं, जबकि एयरपोर्ट का विस्तार 500 करोड़ में किया गया है। याचिका में जबलपुर एयरपोर्ट से अन्य शहरों के लिए उड़ानें बढ़ाने की मांग की गई है।
मामले की अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होगी।