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मकरोनिया फ्लाइओवर प्रोजेक्ट: 50 हजार लोग हो रहे परेशान, अब एनएचएआई को सौंपा गया कार्य

सागर: मकरोनिया फ्लाइओवर का निर्माण अब ठंडे बस्ते में चला गया है। पहले इस प्रोजेक्ट पर एमपीआरडीसी (मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) काम कर रहा था और निर्माण एजेंसी भी नियुक्त की गई थी, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के कारण प्रोजेक्ट की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) को संशोधित किया गया। इसके बाद, भोपाल और दिल्ली में 6 महीने तक प्रस्ताव लंबित रहे। अब, एमपीआरडीसी से इस प्रोजेक्ट को एनएचएआई (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) को सौंपने के निर्देश मिले हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, अब यह प्रोजेक्ट लटक गया है।

मकरोनिया चौराहे पर प्रतिदिन 50 हजार से अधिक लोग आते-जाते हैं और यहां दिनभर जाम की स्थिति बनी रहती है।

अब तक 25 प्रतिशत काम हुआ पूरा
अधिकारियों के अनुसार, ग्राउंड लेवल पर सर्वे शुरू हो चुका था और करीब एक साल तक यह मामला लटका रहा। इस दौरान करीब 25 प्रतिशत काम पूरा हो गया था।

यातायात की बढ़ती समस्या
सागर से दमोह, जबलपुर, कटनी, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़ और नरसिंहपुर समेत अन्य स्थानों पर जाने के लिए मकरोनिया चौराहे से गुजरना पड़ता है। यहां साल दर साल यातायात का दबाव बढ़ता जा रहा है, और पहले किए गए उपाय भी विफल साबित हुए हैं।

स्वीकृत हुए थे 8 फ्लाइओवर
दो साल पहले, तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने सागर जिले के लिए एक साथ 8 रेलवे ओवरब्रिज और फ्लाइओवर की स्वीकृति दिलवाई थी। इनमें से एक मकरोनिया फ्लाइओवर था, लेकिन इसमें पेच फंस गया। बाकी के प्रोजेक्ट्स पर काम चालू हो चुका है, लेकिन मकरोनिया फ्लाइओवर का मामला अब तक लटका हुआ है।

फैक्ट फाइल

  • 50 हजार लोग प्रतिदिन मकरोनिया चौराहे से गुजरते हैं।
  • 12 महीने पहले टेंडर हो चुके थे।
  • 6 महीने पहले रिवाइज्ड प्रपोजल भेजा गया।

जिम्मेदारों के बयान
गोपाल भार्गव, पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री और विधायक रहली: “मैंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर एक साल में 135 आरओबी और फ्लाइओवर स्वीकृत कराए थे, जिनमें से 8 सागर जिले के थे। अधिकांश पर काम भी शुरू हो चुका था।”
एनके बरवे, संभागीय महाप्रबंधक, एमपीआरडीसी: “हमने विभाग को रिवाइज्ड प्रपोजल भेजा था, लेकिन अब हमें निर्देश मिले हैं कि यह कार्य एनएचएआई करेगा। अब तक किए गए काम की जानकारी एनएचएआई को भेजी जा रही है।”

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