11 नवंबर से कोटा के सुकेत की बीड़ मंडी टोल प्लाजा पर व्यवस्थाओं में बदलाव के बाद से वाहन मालिकों को फास्टैग से पैसा कटने की शिकायतें आ रही हैं। मामला तब सामने आया जब दो वाहन मालिकों ने देखा कि उनका फास्टैग बिना टोल पर गए ही चार्ज कर लिया गया।
क्या है मामला?
- सर्वे के नाम पर पैसे कटे: नेशनल हाइवे पर सुरेडा सर्विस लाइन से होकर वाहन स्टेट हाइवे से गुजरते हुए कस्बे से होकर फिर हाइवे पर लौटते हैं। इन वाहनों का नए संवेदक द्वारा सर्वे किया जा रहा था। इसी दौरान फास्टैग से पैसे कटने की घटना हुई।
- शिकायत पर कार्रवाई: वाहन मालिकों ने इसकी शिकायत टोल मैनेजर और पुलिस में दर्ज करवाई। पुलिस ने तीन कर्मचारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की और उन्हें पाबंद किया।
स्थानीय वाहनों की समस्या:
- सुकेत के वाहन मालिकों को कोटा और झालावाड़ जाने के लिए टोल प्लाजा पार करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उनके लिए अलग रास्ता उपलब्ध है।
- इसके बावजूद, सर्वे के दौरान वाहन नंबर अंकित कर टोल कटवा लिया गया, जिससे वाहन मालिकों को परेशानी हुई।
भारी वाहनों का टोल बचाने के लिए नगर से गुजरना:
- भारी वाहन टोल बचाने के लिए नगर से होकर गुजर रहे हैं, जिससे सड़कें क्षतिग्रस्त हो रही हैं और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है।
- नगरवासियों ने भारी वाहनों को टोल प्लाजा से निकालने की मांग की है।
टोल प्रबंधन का पक्ष:
टोल मैनेजर आरएस तोमर ने कहा:
- वाहनों को जबरन नहीं रोका गया। सर्वे इसलिए किया जा रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कितने वाहन टोल बचाने के लिए नगर से गुजरते हैं।
- नेशनल हाइवे का उपयोग करने वाले भारी वाहनों से राजस्व की हानि हो रही है।
- दुर्घटना की स्थिति में टोल डेटा से जानकारी जुटानी होती है, लेकिन जब वाहन टोल से नहीं गुजरते, तो डेटा उपलब्ध नहीं होता।
नगरवासियों और वाहन मालिकों की मांग है कि इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए।