प्रोजेक्ट से संबंधित महत्वपूर्ण बातें:
- मिसरोद से जाटखेड़ी, बगली, कटारा और बर्रई तक का पूरा क्षेत्र इस विकास योजना से जुड़ जाएगा।
- मुख्य रोड के दोनों ओर 300-300 मीटर तक की ज़मीन को विकसित किया जाएगा।
- कुल 550 एकड़ का यह प्रोजेक्ट है, जिसमें किसान 225 एकड़ ज़मीन के प्लॉट के मालिक बनेंगे।
- किसानों को 550 एकड़ ज़मीन पर लगभग 600 किसान लाभान्वित होंगे।
- बीडीए मुख्य सड़क के साथ ही पानी, सीवेज और अन्य सुविधाएं भी विकसित करेगा।
एक्ट में बदलाव:
विकास शुल्क के विवाद को हल करने के लिए लैंड पुलिंग एक्ट में इंक्रीमेंट फेक्टर को घटाने का निर्णय लिया गया है। यह बदलाव आगामी समय में और भी प्रोजेक्ट्स में लागू होगा। इस बदलाव से किसानों को राहत मिल सकेगी और प्रोजेक्ट की गति तेज़ होगी।
किसानों की मांग:
किसानों का कहना है कि वे अपनी आधी ज़मीन देने के बावजूद विकास शुल्क नहीं देना चाहते। इसके अलावा, वे चाहते हैं कि हर प्लॉट तक सीवेज, बिजली जैसी सुविधाएं दी जाएं। किसानों का यह भी कहना है कि 45 मीटर रोड के लिए शासन से जब पैसा मिल गया है, तो उनका शेयर बढ़ाया जाए।
बीडीए की योजना:
बीडीए के सीईओ प्रदीप जैन ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में कुछ बदलाव किए जाने हैं, जो शासन स्तर पर किए जाएंगे, ताकि किसानों की मांगों को पूरा किया जा सके और काम जल्दी शुरू किया जा सके।