Site icon Channel 009

मौसम की मार: बच्चे वायरल और निमोनिया की चपेट में

कोटा में इन दिनों मौसम में बदलाव हो रहा है। सुबह-शाम सर्दी और दिन में गर्मी का असर बना हुआ है, जिससे बच्चे वायरल और बाइलेटरल निमोनिया जैसी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। यह समस्या 6 महीने से लेकर 8 साल तक के बच्चों में ज्यादा देखी जा रही है। सीबीसी रिपोर्ट में भी इन बीमारियों के लक्षण सामने आ रहे हैं।

इसके अलावा, कई बच्चे खांसी, जुकाम और बुखार से भी परेशान हैं। ज्यादातर बच्चों में वायरल बीमारियों के लक्षण 3 से 5 दिन में ठीक हो जाते हैं। रोजाना 10 मरीजों में से 1 या 2 को भर्ती करना पड़ता है। ओपीडी में बुखार और जुकाम के मरीजों की संख्या बढ़ी है। वर्तमान में जेके लोन अस्पताल में 350 से 400 बच्चों की ओपीडी चल रही है।

निमोनिया के कारण: चिकित्सकों के अनुसार, वायरल निमोनिया और बाइलेटरल निमोनिया दो प्रकार के होते हैं। वायरल निमोनिया श्वसन वायरस के कारण होता है, जबकि बाइलेटरल निमोनिया बैक्टीरिया, वायरस या फंगस से होता है, जो फेफड़ों में तरल पदार्थ या मवाद भर देता है।

एक्सपर्ट की राय: चिकित्सक डॉ. पंकज सिंघल ने बताया कि मौसम के बदलाव के कारण बच्चों को इन बीमारियों से बचाने के लिए परिजनों को उनका विशेष ध्यान रखना चाहिए। बच्चों को ऊनी कपड़े पहनाकर रखें, रात में ठंड से बचाएं, और बुखार आने पर चिकित्सक से सलाह लें।

Exit mobile version