पिछले एक सप्ताह में आमागुड़ा चौक पर चार मौतें हो चुकी हैं। इसके अलावा, जिले के विभिन्न हिस्सों में तेज रफ्तार वाहनों के कारण पिछले 15 दिनों में 15 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। इन दुर्घटनाओं का मुख्य कारण वाहन चालकों की लापरवाही और तेज रफ्तार है।
तेज रफ्तार और नशा मुख्य कारण
यातायात विभाग की तमाम कोशिशों के बावजूद वाहनों की तेज रफ्तार और नशे में वाहन चलाने पर लगाम नहीं लग पाई है। एक छोटी सी गलती किसी की जान ले सकती है। बड़े वाहनों के साथ छोटे वाहनों की टक्कर और नशे में वाहन चलाना दुर्घटनाओं के मुख्य कारण बन रहे हैं।
मालवाहक गाड़ियों में सवारी ढोने का अवैध कारोबार
बस्तर में मालवाहक गाड़ियों में सवारी ढोने का अवैध कारोबार भी बढ़ रहा है। इन वाहनों में ओवरलोड सवारी बैठाकर उन्हें सफर कराया जाता है, जो कि सड़क दुर्घटनाओं का एक और कारण है। पिछले रविवार को बकावंड में एक पिकअप हादसे में तीन महिलाओं की मौत हो गई थी।
प्रमुख कारण
- तेज रफ्तार से वाहन दौड़ते हुए अचानक किसी दूसरे वाहन के आ जाने से।
- लगातार वाहन चलाने से ड्राइवर को थकान होने के कारण नींद आ जाना।
- नशे में वाहन चलाने से दुर्घटनाएं होना।
- सड़क पर आवारा जानवरों का आ जाना।
- नो पार्किंग वाले स्थानों पर खड़े वाहनों से टकराने के कारण दुर्घटनाएं।
ये सभी कारण मिलकर बस्तर में सड़क हादसों का कारण बन रहे हैं, और यहां के लोग अब इससे चिंतित हैं।