राजस्थान में खनिजों की उपलब्धता: राजस्थान में 82 प्रकार के खनिज पाए जाते हैं, जिनमें से 57 प्रकार के खनिजों का खनन हो रहा है। राज्य में खनिजों की नीलामी 2016-17 से शुरू हुई थी, लेकिन अब यह प्रक्रिया तेजी से बढ़ रही है। 2023-24 में 32 माइनिंग लीज और कंपोजिट लाइसेंस की नीलामी की गई है, और अब 20 और खानों की नीलामी शुरू हो चुकी है।
राजस्थान की खनिज नीलामी में प्रमुख स्थान: राजस्थान देश में मेजर मिनरल की खानों की नीलामी में पहले स्थान पर है। यहां अब तक 86 खानों की नीलामी 19260 हेक्टेयर क्षेत्र में की गई है, जबकि मध्य प्रदेश में 75 खानों की नीलामी 14786 हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है। ओडिशा तीसरे स्थान पर है, जहां 48 खानों की नीलामी 12600 हेक्टेयर में हुई है।
खनिजों की नीलामी के जिले: राजस्थान के विभिन्न जिलों में खनिजों की नीलामी की गई है। इनमें से 39 खनियां नागौर जिले में, 11 ब्यावर में, 6 जैसलमेर में, 5 बांसवाड़ा में, और 4-4 खनियां सीकर, करौली और चित्तौड़गढ़ में नीलाम की गई हैं। इसके अलावा उदयपुर और भीलवाड़ा में तीन-तीन खनियां नीलाम हुई हैं।
आगे की योजना: राजस्थान में 122 खनिज ब्लॉक्स चिन्हित किए जा रहे हैं, जिनकी नीलामी जल्द ही की जाएगी। इन ब्लॉक्स में गोल्ड, कॉपर, मैंगनीज, लाइमस्टोन और सिलिकॉन अर्थ की खनन की योजना है। इन ब्लॉक्स का खनन पहले खनिजों की खोज करने के बाद किया जाएगा।
निष्कर्ष: राजस्थान की खनिज नीलामी से राज्य को आने वाले दशकों में बड़ी आय मिलने की उम्मीद है, जिससे प्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।