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लखनऊ में डेंगू का प्रकोप: 2100 से ज्यादा मामले, बचाव कैसे करें?

लखनऊ में डेंगू का असर तेजी से बढ़ रहा है। 2024 में अब तक 2,100 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जो पिछले वर्षों के मुकाबले कहीं ज्यादा हैं। अक्टूबर के एक हफ्ते में ही 400 से ज्यादा नए मामले सामने आए।

डेंगू फैलने के कारण

डेंगू के बढ़ते मामलों के लिए विशेषज्ञ जलवायु परिवर्तन और शहरीकरण को जिम्मेदार मानते हैं।

  • बदलता मौसम: ग्लोबल वार्मिंग के कारण असामान्य तापमान और तेज बारिश मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल माहौल बना रहे हैं।
  • तापमान में बदलाव: अक्टूबर 2024 में कई इलाकों ने 1901 के बाद सबसे कम रात का तापमान दर्ज किया, जिससे डेंगू का खतरा बढ़ गया।

स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव

  • प्लेटलेट्स की मांग: प्लेटलेट्स की मांग बढ़कर 400 यूनिट प्रतिदिन हो गई है।
  • बेड की कमी: बलरामपुर अस्पताल के 36 डेंगू-विशेष बेड लगभग भर चुके हैं। अन्य अस्पतालों में भी स्थिति चिंताजनक है।

हालांकि, मुख्य चिकित्सा अधिकारी का दावा है कि पर्याप्त बेड और प्लेटलेट्स उपलब्ध हैं।

सरकारी प्रयास

सरकार ने डेंगू को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं:

  1. डेंगू परीक्षण केंद्रों की संख्या 2023 में 83 से बढ़ाकर 2024 में 135 की गई।
  2. मच्छरों पर नियंत्रण के लिए फॉगिंग, मच्छरदानी वितरण और जागरूकता अभियानों को बढ़ावा दिया गया।

डेंगू के लक्षण

डेंगू के लक्षण मच्छर के काटने के 4-10 दिनों बाद नजर आते हैं।

सामान्य लक्षण:

  • तेज बुखार (104°F तक)
  • सिरदर्द, खासकर आंखों के पीछे दर्द
  • जोड़ और मांसपेशियों में दर्द
  • थकावट और कमजोरी
  • त्वचा पर लाल चकत्ते
  • मतली और उल्टी

गंभीर डेंगू के लक्षण:

  • मसूड़ों, नाक या त्वचा से खून आना
  • पेट में तेज दर्द और बार-बार उल्टी
  • रक्तचाप गिरना
  • अंगों को नुकसान

डेंगू से बचाव के उपाय

  1. मच्छर भगाने वाले उत्पादों का इस्तेमाल करें।
  2. पूरी बांह के कपड़े पहनें।
  3. गीले और छायादार इलाकों से बचें।
  4. खिड़कियों और दरवाजों पर जाली लगाएं।
  5. मच्छरदानी का उपयोग करें।
  6. डॉक्टर से संपर्क करें: गंभीर लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

निष्कर्ष

लखनऊ में डेंगू का प्रकोप चिंता का विषय है, लेकिन समय पर सावधानी और सुरक्षा उपायों से इसे रोका जा सकता है। सरकार के प्रयास और लोगों की जागरूकता ही डेंगू से बचाव का सबसे बड़ा उपाय है।

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