शराब तस्करी का नया तरीका
आबकारी विभाग और पुलिस की टीमों ने जब एक ट्रक को रोका और उसकी तलाशी ली, तो उसमें लकड़ी के बोरों के नीचे शराब की बोतलें छिपाई गई थीं। इस ट्रक से 160 कार्टन अंग्रेजी शराब और 650 कार्टन बीयर के केन जब्त किए गए। ये शराब पंजाब में बेची जाने वाली थी, और ट्रक को गुजरात ले जाया जा रहा था, जहां शराब पर प्रतिबंध है।
भारतमाला परियोजना का तस्करों द्वारा इस्तेमाल
भारतमाला परियोजना के तहत बने कोरिडोर के कारण तस्करों ने अब इस रूट का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। यह कोरिडोर पंजाब से होते हुए राजस्थान के जालोर, हनुमानगढ़, जोधपुर और सांचौर तक फैला है, और सीधे गुजरात से जुड़ा है। तस्कर इस रूट का इस्तेमाल करके शराब को पंजाब से लेकर सांचौर और फिर गुजरात पहुंचाते हैं।
तस्करी के रूट का खुलासा
पुलिस और आबकारी विभाग की टीमों ने जांच के दौरान यह पाया कि शराब तस्करी के लिए ट्रकों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिनमें शराब को बड़ी मात्रा में छिपाया जाता है। इसके बाद उसे सीमा के पास के इलाकों में डंप किया जाता है और फिर छोटे वाहनों से गुजरात भेजा जाता है।
स्थानीय तस्करों की भूमिका
यह तस्करी सिर्फ ट्रक ड्राइवरों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें पंजाब के बड़े शराब माफिया और जालोर-सांचौर के स्थानीय तस्कर भी शामिल हैं। पुलिस इन तस्करों तक पहुंचने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
पुलिस की कार्रवाई
अब तक की जांच में यह सामने आया है कि आरोपी ट्रक ड्राइवर और हेल्पर ने पंजाब से शराब को गुजरात तक पहुंचाने के लिए रूट तय किया था। पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ जारी रखी है और इस मामले में आगे की जांच जारी है।
आबकारी अधिकारी का बयान
संजीव पटवारी, जिला आबकारी अधिकारी, हनुमानगढ़ के अनुसार, शराब तस्करी के मामले में दो आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। यह शराब सांचौर से होते हुए गुजरात पहुंचाई जा रही थी, और इस पर जांच जारी है।