लेकिन अब, पिछले पांच-छह सालों में हालात बदल गए हैं। पुलिस की लगातार कार्रवाई के बाद नक्सली बैकफुट पर हैं और अब इस इलाके में शांति बनी हुई है। झलमला थाना, भोरमदेव थाना और सीएएफ कैंप खुलने से नक्सलियों के मंसूबे नाकाम हो गए हैं। अब नक्सली इस क्षेत्र में फिर से अपनी गतिविधियों को नहीं बढ़ा पा रहे हैं।
ऐसे में, जंगल सफारी को फिर से शुरू करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। प्रशासन ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है, हालांकि अंतिम निर्णय शासन स्तर पर लिया जाएगा। यदि यह सफारी शुरू होती है, तो यह पर्यटकों के लिए एक नई सुविधा होगी और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।