मुआवजे पर विवाद
- जामोदी गांव के किसानों को जमीन के लिए 56 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर की गाइडलाइन के आधार पर मुआवजा दिया जा रहा था, जबकि आसपास के गांवों (खेड़ा, अकोलिया, सागौर) में यह 80 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर था।
- किसानों ने विरोध किया और कहा कि जब गांव आपस में सटे हुए हैं तो मुआवजे में अंतर क्यों।
- अक्टूबर 2023 में भू-अर्जन की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन विरोध के चलते मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया।
सरकार का फैसला
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सरकार ने सभी किसानों को 80 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा देने का निर्णय लिया है। यानी अब किसानों को अतिरिक्त 24 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर मिलेगा।
पार्क से होने वाले फायदे
- यह पार्क 1110 करोड़ की लागत से 255.17 एकड़ (112.60 हेक्टेयर) जमीन पर बनाया जाएगा।
- पार्क बनने से 10 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा।
- लॉजिस्टिक लागत को घरेलू उत्पाद के 8-9% तक लाने का लक्ष्य है, जो फिलहाल 14% है।
- इंदौर और आसपास के जिलों में उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
- प्रदूषण कम होगा, बड़े ट्रक और मालगाड़ियों से सामान पहुंचाने में समय की बचत होगी।
ग्रामीणों का विरोध और कोर्ट का मामला
- किसानों का आरोप है कि प्रशासन ने जबरन जमीन पर कब्जा किया।
- विरोध करने पर पुलिस ने किसानों के साथ दुर्व्यवहार किया और थाने में बिठाकर प्रताड़ित किया।
- जामोदी के किसानों की सबसे ज्यादा 63.581 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण में आ रही थी।
सरकार की नई नीति
सरकार के इस फैसले से किसानों का मुआवजा बढ़ गया है। मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क बनने से क्षेत्र में विकास और निवेश बढ़ेगा। इससे पीथमपुर का औद्योगिक उत्पादन आसानी से देशभर में पहुंच सकेगा।
– राजेश राठौर, कार्यकारी संचालक, एमपीआइडीसी