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राजस्थान के 82 गांवों में 58 करोड़ से होगा विकास, पेयजल संकट से मिलेगी राहत

राजस्थान के डांग क्षेत्र के 82 गांवों और ढाणियों के लिए सरकार ने 58 करोड़ रुपए से अधिक की राशि स्वीकृत की है। यह राशि जल जीवन मिशन के तहत पेयजल संकट को हल करने के लिए दी जा रही है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने इस योजना की स्वीकृति दे दी है, जिसके बाद जल योजनाओं पर काम जल्द ही शुरू होगा।

इस परियोजना से डांग क्षेत्र के लोगों को पेयजल संकट से निजात मिलेगी। योजनाएं सौर ऊर्जा से संचालित होंगी, जिससे गांवों में जल आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

क्या-क्या काम होंगे: इस योजना के तहत 167 नलकूप लगाए जाएंगे, 334 पानी की टंकी बनेंगी और 200 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछाई जाएगी। ये काम 82 गांवों और ढाणियों में किए जाएंगे। नलकूपों का संचालन सौर ऊर्जा से होगा, जिससे पानी की आपूर्ति सस्ती और निरंतर होगी।

किसे मिलेगा फायदा: इस योजना से सपोटरा, कैलादेवी और करौली के 82 गांवों के हजारों परिवारों को नल कनेक्शन से पानी मिलेगा।

पानी की गंभीर समस्या: डांग क्षेत्र में खासकर गर्मी के मौसम में पेयजल संकट बहुत गंभीर हो जाता है। पानी की कमी के कारण लोग कई किलोमीटर दूर तक पानी के लिए भटकते हैं।

विधायक का योगदान: सपोटरा विधायक हंसराज मीना ने कई बार इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने 15 अक्टूबर को जलदाय मंत्री के साथ बैठक में डांग क्षेत्र में पानी की समस्या को प्रमुख मुद्दा बनाया, और मंत्री ने समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया था।

पत्रिका की भूमिका: राजस्थान पत्रिका ने भी इस मुद्दे को उठाया और डांग क्षेत्र के लोगों की समस्या को प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के ध्यान में लाया, जिसके बाद यह स्वीकृति मिली।

अब, इस योजना के तहत जल जीवन मिशन के माध्यम से डांग क्षेत्र के लोग पानी की समस्या से राहत पाएंगे।

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